जमुई: भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर शुक्रवार को खैरा प्रखंड के बल्लोपुर मैदान में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस कार्यक्रम में शामिल होने आए लोगों में भाजपा और जदयू के झंडे थामने वालों के साथ-साथ कुछ ने हाथों में तिरंगा भी लिया हुआ था। भीड़ में हर ओर “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के नारे गूंज रहे थे।
आदिवासी समाज के लोग अपने पारंपरिक वाद्य यंत्र, मानर और नगाड़ा लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग यहां आए। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा—हर वर्ग के लोग मैदान की ओर बढ़ते देखे गए। खेत-खलिहानों और सड़कों पर भी लोगों का हुजूम कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ता रहा।
जनसभा स्थल पर भीड़ इतनी अधिक थी कि पंडाल खचाखच भर गया। जिन लोगों को अंदर जगह नहीं मिली, वे नरियाना पुल के ऊपर और नीचे खड़े होकर कार्यक्रम देखते रहे। महिलाओं के साथ छोटे बच्चे भी आए हुए थे। कुछ बच्चे अपनी मां की गोद में सोते हुए नजर आए, तो कुछ अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ इस ऐतिहासिक जनसभा का हिस्सा बने।

भारी भीड़ के कारण खैरा मोड़ से सोनो रोड और नरियाना पुल पर जाम की स्थिति बन गई। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी रूट डायवर्जन कर लोगों को निकालने की व्यवस्था करते रहे। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारों के कारण आवागमन में कठिनाई हुई।प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही उत्सुकता चरम पर थी। जैसे ही उनका हेलीकॉप्टर आसमान में दिखाई दिया, जनसमूह में उत्साह और बढ़ गया। पंडाल में “बिरसा मुंडा अमर रहें”, “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के नारे गूंजने लगे। कुछ लोग, जो दूर पेड़ की छांव में खड़े आराम कर रहे थे, वे भी जनसभा की ओर बढ़ने लगे, जिससे भीड़ और अधिक बढ़ गई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 11:00 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और जनता को संबोधित किया। उनके संबोधन के बाद धीरे-धीरे भीड़ का मैदान से लौटना शुरू हुआ। जनसभा ने भगवान बिरसा मुंडा की विरासत और उनके योगदान को याद करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया।

इस अवसर पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने खैरा के बल्लोपुर के मैदान से गौरव दिवस पर आदिवासी समाज की गौरवगाथा को रेखांकित करते हुए इनके उत्थान को लेकर एनडीए की प्रतिबद्धता का बोध कराया। आदिवासी समाज पर केंद्रित भाषण के उन्होंने आदिवासियों को गौरव का एहसास कराया। साथ ही बताया कि आदिवासी समाज देश और उनके लिए कितना खास हैं। उनके उत्थान को लेकर एनडीए प्रयासरत है। पीएम के आगमन से जिले की तस्वीर बदली है। साथ ही आदिवासियों के हक और हुकूक का दंभ करने वाले को पेट दर्द दे दिया है। कहा कि इतिहास के बड़े अन्याय को दूर करने का प्रयास यह गौरव दिवस है। एनडीए सरकार आदिवासियों को आगे लाने के प्रयास पर कार्य कर रही है। प्राकृतिक संरक्षण पर विश्व में भारत मिसाल बन रहा है, यह सब आदिवासियों की सीख है। प्रकृति प्रेमी आदिवासी समाज सूर्य, हवा पेड़ पौधों को पूजने वाला समाज है। आदिवासी समाज ने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया।

पीएम के संबोधन के उपरांत आदिवासी लोगों में एक नई उर्जा देखने को मिली। भगवान बिरसा मुंडा और आदिवासी समाज की महत्ता पर पीएम का एक-एक शब्द उन्हें दिल से आह्लादित कर रहा था। उनमें परिस्थिति के बदलाव को लेकर उम्मीद की आस खुशियों भर रही थी। आदिवासी समाज के कई लोगों ने कहा कि पीएम ने हमारे बारे में बात की यह बड़ी बात है। लग रहा कि हम उपेक्षित नहीं हैं, सरकार को हमारी ङ्क्षचता है। पीएम ने गौरव दिवस पर हमारे अंदर के गौरव जगा दिया। हम कितने खास हैं इसका एहसास कराया है। इसके पहले पीएम नरेन्द्र मोदी आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान आदिवासी कलाकारों के वाद्ययंत्र लेकर खुद बजाने लगे थे। झाल बजाकर वो झूमे तो नगाड़ा भी बजाया। उनके यह रूप दर्शा रहा था कि वो खास नहीं बल्कि उनके बीच के सामान्य भाई हैं।

