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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: नामांकन प्रक्रिया में तेजी, उम्मीदवारों की भीड़ से पटना समेत जिलों में चुनावी माहौल गर्माया

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: नामांकन प्रक्रिया में तेजी, उम्मीदवारों की भीड़ से पटना समेत जिलों में चुनावी माहौल गर्माया

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया अब पूरी रफ्तार में है, और पूरे राज्य में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। पहले और दूसरे चरण के नामांकन की अंतिम तिथियाँ नज़दीक आने के साथ ही उम्मीदवारों की भीड़ जिला निर्वाचन कार्यालयों में उमड़ रही है। पटना, गया, दरभंगा, मुज़फ्फरपुर, सिवान और भागलपुर जैसे प्रमुख जिलों में माहौल पूरी तरह चुनावी हो चुका है। दावेदार समर्थकों के साथ जुलूस के रूप में नामांकन दाखिल कर रहे हैं, जिससे प्रशासन को सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कड़ी निगरानी रखनी पड़ रही है।
निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नामांकन के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था या शक्ति प्रदर्शन पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस बार आयोग ने नामांकन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल निगरानी प्रणाली (C-Vigil App और वेबकैम रिकॉर्डिंग) से लैस किया है ताकि किसी भी गड़बड़ी को तुरंत रोका जा सके।

राजनीतिक दलों ने भी नामांकन के इस दौर में अपनी चुनावी रणनीति को और तेज़ कर दिया है। भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस और अन्य दल अपने प्रमुख उम्मीदवारों को नामांकन में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के साथ भेज रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह बना रहे। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तारापुर सीट से नामांकन दाखिल किया, जबकि जदयू के कई मंत्रियों ने भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से पर्चा दाखिल कर दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव अगले कुछ दिनों में राघोपुर से नामांकन भर सकते हैं, वहीं कांग्रेस ने भी कई नए चेहरों को मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार टिकट बंटवारे में युवा उम्मीदवारों और महिला प्रतिनिधित्व पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इसके अलावा, निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। कई असंतुष्ट नेता जो टिकट नहीं पा सके, अब निर्दलीय के रूप में मैदान में उतर रहे हैं, जिससे कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय होने की संभावना बढ़ गई है।

नामांकन प्रक्रिया की तेजी से यह साफ हो गया है कि बिहार में चुनावी माहौल पूरी तरह गर्मा चुका है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। जिला निर्वाचन कार्यालयों के आसपास धारा 144 लागू है और पुलिस बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। वहीं, मतदाताओं में भी इस बार चुनाव को लेकर उत्सुकता बढ़ी है। आम लोग अपने प्रतिनिधियों की लिस्ट पर नज़र रखे हुए हैं और सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों को लेकर चर्चाएँ जोरों पर हैं। इस बीच, निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नामांकन के साथ-साथ आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्ती से निगरानी रखी जाएगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि नामांकन की रफ्तार से यह साफ है कि सभी दलों ने अपनी रणनीति लगभग तय कर ली है और अब प्रचार अभियान पर पूरा ध्यान केंद्रित होगा। बिहार की राजनीति में इस चुनाव का असर आने वाले वर्षों की सियासी दिशा तय करेगा, इसलिए हर पार्टी अपने उम्मीदवारों के माध्यम से जनता तक सही संदेश पहुंचाने में जुटी है।

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