पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ 64.7% मतदान के साथ जनता ने जबरदस्त उत्साह दिखाया। खास बात यह रही कि भारी वोटिंग उन 5 सीटों पर भी दर्ज हुई, जहां 2020 में हार-जीत का अंतर 1000 वोट से भी कम था। ये सीटें हैं — बखरी, भोरे, बरबीघा, मटिहानी और हिलसा, जहां एक बूथ या कुछ सौ वोट फिर से चुनावी नतीजे पलट सकते हैं।
बखरी (बेगूसराय) में 2020 में CPI ने भाजपा को मात्र 777 वोट से हराया था, अब मुकाबला LJP(R) और CPI के बीच है।
भोरे (गोपालगंज) में 462 वोट का फासला था—इस बार JDU के सुनील कुमार और CPI(ML) के नए चेहरे धनंजय आमने-सामने हैं।
बरबीघा (शेखपुरा) में सिर्फ 113 वोट से जीत मिली थी, अब JDU, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
मटिहानी (बेगूसराय) में खिलाड़ी वही हैं, पर जर्सी बदली—राज कुमार सिंह अब JDU में, जबकि बोगो सिंह RJD के टिकट पर मैदान में हैं।
2025 में इन सीटों पर हर वोट की कीमत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। नतीजे न सिर्फ सीट का, बल्कि बिहार की सत्ता का भी समीकरण तय कर सकते हैं।

