बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राजद अब चुनाव नतीजों को अदालत में चुनौती देने की तैयारी में है। पटना में हुई पार्टी की समीक्षा बैठक में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव, जीते हुए विधायक और सभी हारे हुए प्रत्याशी शामिल हुए। बैठक में हार के संभावित कारणों पर चर्चा की गई, जिसमें सबसे ज्यादा सवाल EVM की functioning और “टारगेटेड सीटों” पर उठे। पार्टी नेताओं ने कहा कि जिस तरह एनडीए को अप्रत्याशित बढ़त मिली है, वह हैरान करने वाली है।
परबत्ता के पूर्व विधायक डॉ. संजीव कुमार ने दावा किया कि चुनाव से पहले 65 सीटों की एक कथित लिस्ट तैयार की गई थी, जिन्हें ‘टारगेट’ किया गया। उनके अनुसार यह लिस्ट एक अधिकारी के पास थी और उन्होंने खुद भी इसे देखा था। डॉ. संजीव ने कहा कि बिना “सेंटिंग” के ऐसे परिणाम आना संभव नहीं है। उन्होंने EVM में गड़बड़ी का आरोप दोहराते हुए कहा कि विकास कार्य करने के बावजूद वे चुनाव हार गए, जो कई सवाल खड़े करता है।
पार्टी ने वोट अंतर पर भी गंभीर सवाल उठाए। कई सीटों पर जहां राजद उम्मीदवारों को 50 हजार से अधिक वोटों से जीत की उम्मीद थी, वहीं वे मात्र 10–11 हजार वोटों के अंतर से जीते। राजद का तर्क है कि 1.80 करोड़ वोट मिलने के बावजूद परिणामों में असंगति दिखती है। ऐसे में पार्टी अदालत में जाने की तैयारी कर रही है।

