संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही एसआईआर मुद्दे पर विपक्ष ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने नारेबाज़ी और हंगामे की स्थिति पैदा कर दी। बढ़ते शोर-शराबे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। यह शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 15 बैठकों का आयोजन और 10 नए विधेयक पेश किए जाने की संभावना है।
इसी दौरान राज्यसभा में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने पहली बार सभापति के रूप में सदन की कार्यवाही का संचालन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया और उनकी नेतृत्व क्षमता की व्यापक रूप से प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि राधाकृष्णन एक साधारण किसान परिवार से आते हैं और उन्होंने अपना जीवन समाज सेवा को समर्पित किया है, जो सभी सदस्यों के लिए प्रेरणा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि राधाकृष्णन न केवल एक मजबूत संगठनकर्ता रहे हैं, बल्कि उन्होंने हमेशा नई पीढ़ी और नए विचारों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि उच्च सदन के सभी सदस्य सदन की मर्यादा और सभापति की गरिमा को बनाए रखते हुए कार्य करेंगे। उनके इस संबोधन को सदन में सकारात्मक माहौल बनाने वाला माना जा रहा है।

