बिहार चुनावी मैदान में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्ष और सत्ता, दोनों पर जोरदार हमला बोला। मुंगेर में आयोजित एक विशाल जनसभा में उन्होंने कहा, “किसी का दिल बेटे के लिए धड़कता है, किसी का राजगीर के लिए, किसी का अहमदाबाद के लिए… मगर मुसलमानों के लिए किसी का दिल नहीं धड़कता।” ओवैसी ने कहा कि लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों ने अपनी-अपनी पसंद के लोगों और इलाकों के लिए काम किया, लेकिन मुसलमानों के हक़ और मुद्दों को हमेशा नजरअंदाज किया गया।
ओवैसी ने कहा कि लालू-राबड़ी ने 15 साल और नीतीश कुमार ने 20 साल तक शासन किया, लेकिन किसी मुसलमान को आज तक डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी नहीं मिली। उन्होंने कहा, “3 फीसदी मल्लाह समाज के बेटे को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है, 14 फीसदी आबादी वाले का बेटा सीएम बन सकता है, लेकिन 17 फीसदी मुसलमानों को अब तक हाशिए पर रखा गया है।” ओवैसी ने इसे राजनीतिक भेदभाव करार देते हुए कहा कि यह सामाजिक न्याय नहीं, बल्कि वोट बैंक की राजनीति है।
भीड़ से खचाखच भरी रैली में ओवैसी ने कहा कि महागठबंधन और एनडीए दोनों मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिए करते हैं। उन्होंने पूछा, “आखिर कब तक आरजेडी मुसलमानों को बीजेपी के नाम पर डराती रहेगी?” ओवैसी ने कहा कि लालू के वक्त भी जंगलराज था और नीतीश के वक्त भी है, बस चेहरे बदल गए हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे एआईएमआईएम प्रत्याशी मोनाजिर हसन को वोट देकर “सच्चे बदलाव” का समर्थन करें।

