बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन के साथ ही नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पटना के गांधी मैदान में भव्य समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री के साथ कुल 26 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नए मंत्रिमंडल में भाजपा के 16, जदयू के 6, एलजेपी (रा) के 2, हम के 1 और आरएलएम के 1 मंत्री शामिल किए गए हैं। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा एक बार फिर उप मुख्यमंत्री बने हैं। वहीं महिला मंत्रियों की संख्या 3 है, जबकि मुस्लिम प्रतिनिधित्व सिर्फ जमा खान तक सीमित है।
अगर कैबिनेट की जातिगत संरचना पर नजर डालें तो सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व राजपूत समाज को मिला है। नीतीश मंत्रिमंडल में कुल 4 राजपूत मंत्री शामिल हैं। दूसरे स्थान पर यादव और कुशवाहा समाज है, जिनकी संख्या 3-3 है। वहीं कुर्मी और भूमिहार समुदाय को 2-2 मंत्री मिले हैं। ब्राह्मण और कायस्थ वर्ग से 1-1 मंत्री शामिल हैं।
दूसरी ओर दलित समुदाय को भी नए मंत्रिमंडल में उल्लेखनीय हिस्सा मिला है। कुल 5 दलित मंत्रियों को जगह दी गई है, जो सामाजिक संतुलन और जातिगत प्रतिनिधित्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि कैबिनेट की यह संरचना एनडीए के जातीय वोटबेस को मज़बूत करने की रणनीति का हिस्सा है।

